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Operating system kya hai

ऑपरेटिंग सिस्टम की जानकारी हिंदी में-




नमस्कार आपका स्वागत है हिंदी ब्लॉग INDIA HELP ME पर आज हम बात करेंगे ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में। दरसल बहुत से लोग कंप्यूटर मोबाइल आदि यूज़ करते हैं और ये भी जानते हैं कि यह एंड्रॉयड है यह विंडोज है लिनक्स है या यूनिक्स है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि यह कैसे कार्य करता है। और आखिर यह होता क्या है।  

अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप बाजार से खरीदने गए और उसमें बिना WINDOWS इनस्टॉल किये आपको दे दिया जाये तो आप क्या करेगें आपका उत्तर यही होगा की बिना विंडोज के हम कंप्यूटर नहीं चला सकते हैं विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम है बिना इसके आपका कंप्यूटर किसी काम का नहीं आप उसपर कोई कार्य नहीं कर सकते जबतक की ऑपरेटिंग सिस्टम न हो।
तो आइये जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है और यह कैसे कार्य करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है-

ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे की हम सार्ट में OS के नाम से भी जानते हैं। इसे सिस्टम सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है जिससे की हम कंप्यूटर पर कार्य कर सकें। 

सही शब्दों में ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर एक डब्बे के सामान है जिसपर हम कुछ भी नहीं  कर सकते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम ही वह जरिया है जिससे की हम अपनी बात कंप्यूटर हार्डवेयर तक पंहुचा सकते हैं या कोई कमांड दे पाते हैं। 


इसको सीधे शब्दों में कहा जाये तो ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर यानि हमारे और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक पुल का काम करता है। 

जैसे की आप कंप्यूटर चलाते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम ही हमे कंप्यूटर इस्तेमाल करने का जरिया देता है। आप कीबोर्ड पर कोई लेटर टाइप करके प्रिंटर द्वारा प्रिंट निकाल सकते हैं आप कोई गाना सुन सकते हैं आप कोई फाइल SAVE कर सकते हैं। आप अनेको काम कर सकते हैं जो की बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के सम्भव नहीं है। 

ऑपरेटिंग सिस्टम के पास यूज़र्स ,हार्डवेयर, प्रोग्राम यानि सॉफ्टवेयर का लेखा जोखा रहता है।




हम इसमें वही कार्य कर सकते हैं जिसकी सुबिधा ऑपरेटिंग सिस्टम में दी गयी हो अगर हमें अलग से कोई कार्य करना है तो हमे अलग से सॉफ्टवेयर इंसटाल करने होगें।

जैसे ब्राउज़िंग के लिए ब्राउज़र वीडियो के लिए वीडियो प्लेयर गेम , आदि।

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्यों कहा जाता है ऑपरेटिंग सिस्टम को-


हमने जब ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के बारे में समझ लिया तो हमे यह समझना है कि इसे सिस्टम सॉफ्टवेयर क्यों बोला जाता है ऑपरेटिंग सिस्टम को किसी कंप्यूटर में इस लिए डाला जाता है कि कंप्यूटर हार्डवेयर और यूजर के बीच सम्बन्ध स्थापित हो सके जैसे कीबोर्ड पर कुछ टाइप करने पर कंप्यूटर में एंट्री हो हार्डवेयर में जो भी है उसका पूरा उपयोग करना अगर यूजर कोई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर चलाना चाहे तो उसकी अनुमति देना।


आप अपने कंप्यूटर में जो वीडियो प्लेयर जैसे VLC , KMP आदि देखते हैं वे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ही है जो की सिस्टम सॉफ्टवेयर पर इंसटाल रहते हैं। 

दरसल VLC प्लेयर , ADOBE PHOTOSHOP , GAME , KMP ,   MS OFFICE आदि को कंप्यूटर पर चलाने के लिए कोई बड़ा प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर चाहिए जिसको की ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। 


ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य-

ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानने के बाद यह भी जरूरी है कि हम यह देख ले की इसका कार्य क्या है -



1. मेमोरी का मैनेजमेंट-

ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य होता है प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी को मैनेज करना जैसे प्राइमरी मेमोरी का कौन सा हिस्सा कितना इस्तेमाल होगा मल्टीप्रोसेसिंग में किस प्रोसेस को मेमोरी दिया जाये और कितना दिया जाये । जब कोई प्रोसेस को मेमोरी की आवश्यकता होती है तो ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी देता है और प्रोसेस बन्द हो जाने यानि कार्य के समाप्त हो जाने पर ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी वापस ले लेता है। 

जैसे की आप MS WORD में कार्य कर रहें तो इसके प्रोसेस में कितनी मेमोरी लगेगी यह ऑपरेटिंग सिस्टम ही मैनेज करता है और जब आपका कार्य पूरा हो जाता है और आप MS WORD बन्द कर देते हैं तो वह मेमोरी वापस ऑपरेटिंग सिस्टम ले लेता है।


2. कंप्यूटर परफॉरमेंस देखना-

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का परफार्मेन्स भी देखता है। सिस्टम पर बहुत ज्यादा सॉफ्टवेयर या कोई वायरस वाली फाइल रखने से कंप्यूटर स्लो काम करने लगता है। अगर आपके कंप्यूटर में errors आ रहे हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम ही इसे दिखता है जिसे समय रहते आप ठीक कर सकते हैं।

3. सुरक्षा-

ऑपरेटिंग सिस्टम हमे यह सुबिधा देता है कि हमारा कंप्यूटर हमारे आलावा दूसरा कोई न खोल सके इसके लिए पासवर्ड का ऑप्शन देता है जैसे ही आप कंप्यूटर खोलते हैं आपसे पासवर्ड पूछता है इसलिए आपका पासवर्ड कोई दूसरा व्यक्ति नहीं खोल सकता है जब तक की आप उसे न बता दें।




4. सॉफ्टवेयर और उपयोगकर्ता के बीच तालमेल-

सिस्टम सॉफ्टवेर अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और यूजर के बीच तालमेल बैठाता है ताकि यूजर अपने मन से कोई भी सॉफ्टवेयर यूज़ कर सके जैसे कोई गेम , वीडियो प्लेयर , म्यूजिक प्लेयर , ब्राउज़र , आदि इनको चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका सिस्टम सॉफ्टवेयर ही निभाता है।

5. फाइल मैनेजमेंट-

हमारे कंप्यूटर में बहुत सी फाइल होती है जिन्हें याद रखना मुश्किल हो जाता है कि इसे किस लोकेशन में रखा गया है। फाइलों को ढूढ़ने में सिस्टम सॉफ्टवेयर हमारी सहायता करता है। 

कौन सी फाइल किस लोकेशन पर रखी गयी है यह हम सर्च करके पता कर सकते हैं जो की सिस्टम सॉफ्टवेयर द्वारा ही सम्भव हो पाता है।

* ऐसे ही कई कार्य हैं सिस्टम सॉफ्टवेयर के डिवाइस मैनेजमेंट , प्रोसेस मैनेजमेंट , आदि।


आप इन्हें भी देख सकते हैं-

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