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Computer ki jankari hindi me

कंप्यूटर की जानकारी भाग 1-


नमस्कार आपका स्वागत है हिंदी ब्लॉग INDIA HELP ME पर आज हम इस पोस्ट में कंप्यूटर के बारे में कुछ सीखेंगे लेकिन साथ में यह भी जरूरी है कि हमे क्या जानना चाहिए और क्या नहीं क्योंकि कंप्यूटर की बहुत सी जानकारियां इंटरनेट पर मौजूद है उसमें आप खो जाएंगे तो मैं इस पोस्ट में यह भी बताऊंगा की कंप्यूटर के बारे में सिखने के लिए हमे सबसे पहले क्या जानना चाहिए।


हमे कंप्यूटर सिखने के लिए क्या क्या जानना चाहिए-

मैं यहाँ आपको कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्हें आप ध्यान से समझिये-

कंप्यूटर कोई भी चला सकता है पर क्या कंप्यूटर चलाना ही काफी है क्या आपको कंप्यूटर के इतिहास , कंप्यूटर की बनावट , कंप्यूटर की पीढ़ियों के बारे में पता है कुछ लोग कहेंगे नहीं-

आखिर क्यों जरूरी है कंप्यूटर के पीछे जाने की उनके इतिहास , पीढ़ियां , संरचना देखने की मैं यही कहूंगा कि आप सबसे पहले कहीं भी कंप्यूटर का बेसिक कोर्स करने कही जाते है तो बेसिक कंप्यूटर के जो बुक्स होते हैं उसमें आपको सबसे पहले अध्याय से यही मिलेगा इसिहास , पीढ़ियां , संरचना आदि। 

क्योंकि जबतक आप इनके बेस के बारे में नहीं जानते हैं आप कितना भी कंप्यूटर क्यों न सिख लें आपको दिक्कत जरूर होनी है कही न कहीं।

क्या सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कोर्स करने के लिए भी जरूरी है यह सब जानना-


अब सवाल है कि हार्डवेयर और साफ्टवेयर कोर्स करने के लिये क्या बेसिक के बारे में सीखना जरूरी है तो मेरा जवाब यही है आपको जब आप कंप्यूटर की बनावट ही नहीं जानेगें हार्डवेयर क्या है यहीं नहीं सही से जानेगें तो आप हार्डवेयर कोर्स कैसे सिख सकते हैं अगर आपने सिख भी लिया तो आपको सिखने में बहुत टाइम लगेगा क्योंकि आप ये नहीं जानते हैं कि कंप्यूटर किन किन चीजों से मिलकर बना है-

साफ्टवेयर कोर्स के लाइन में भी बहुत से लोग जाना चाहते हैं दरसल 12TH पास कर लेने के बाद लोग अपनी अपनी लाइफ बनाना चाहते हैं तो उनमें से कई लोग सॉफ्टवेयर कोर्स सीखना चाहते है लेकिन क्या आप बिना कंप्यूटर के बेसिक को जाने सॉफ्टवेयर कोर्स सिख सकते हैं तो आप कहोगे सायद हाँ मेरे हिसाब से आप सिख भी जाओ लेकिन आपको सिखने में बहुत समय लग जायेगा क्योंकि आपने बेसिक की जानकारी नहीं ली जैसे सॉफ्टवेयर क्या होता है कितने प्रकार का होता है क्या अंतर है आदि।

""और सबसे बड़ी बात आप जो (हार्डवेयर या साफ्टवेयर) सिखने जा रहें है वो सही है लेकिन जिसपर (कंप्यूटर) सिखने जा रहे हैं उसके बारे में तो जानिए नहीं तो आपका समय बर्बाद होगा""

क्या हिंदी में कंप्यूटर सिख सकते हैं-

लाखों लोग यह सोचते हैं कि क्या हिंदी में कंप्यूटर सिख सकते हैं तो मेरा जवाब यही होगा की आप कंप्यूटर के इतिहास , संरचना , आदि कुछ बेसिक जानकारी हिंदी में सिख सकते हैं लेकिन कंप्यूटर नहीं क्योंकि इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा इंग्लिश वर्ड ही आएंगे इसलिए मैं कंप्यूटर के बारे में शुद्ध हिंदी में पूरा नहीं  लिखता क्योंकि अगर पूरा हिंदी में लिखने लगूँगा तो आपको समझ में ही नहीं आएगा जैसे- कंप्यूटर को मैं संगणक लिखू , CPU को मैं केंद्रीय संसाधन इकाई लिखूं , माउस को मैं मूसक लिखू तो मुझे लिखने में दिक्कत होगी और आपको समझने में।

इंग्लिश में कंप्यूटर सिखने में कोई दिक्कत नहीं है आपको CPU को CPU बोलना है तो क्या मुश्किल है तो आप संगणक को कंप्यूटर बोलते हो ऐसे ही आप आसानी से कंप्यूटर सिख सकते हो लेकिन पहले बेसिक के बारे में जानिए-

''तो आप समझ गए होंगे की कंप्यूटर की बेसिक जानकारी कितनी जरूरी है तो आइये देखते हैं''

कंप्यूटर का इतिहास-


आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है यह कहावत कंप्यूटर के लिए बिल्कुल सही बैठती है, क्योकि मनुष्य द्वारा एक सटीक और तीब्र गणना करने वाली डिवाइस की मांग और खोज ने ही कंप्यूटर का आविष्कार सम्भव किया है। कंप्यूटर की खोज आविष्कार तथा सुधार का इतिहास 2500 वर्ष से भी अधिक है।

सन 1842 में ई. में चार्ल्स वैबेज ने एक शक्तिशाली मशीन की रूप रेखा तैयार की जिसका नाम एनालिटिकल इंजन रखा। यह यंत्र पूरी तरह से स्वचलित बनाया गया था। यह यंत्र गणित की आधारभूत क्रियाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर सकता था। तथा इसकी गति 60 गड़नाएँ प्रति मिनट तक थी। तथा इसमें निर्देशों को संग्रहित करने की क्षमता थी। यह पंचकार्डों पर संग्रहित निर्देशों के समूह द्वारा निर्देशित होकर कार्य करती थी। 

यह मशीन स्वचलित रूप से परिणाम भी छाप सकती थी।

दुर्भाग्य बस चार्ल्स वैबेज इस मशीन की रुपरेखा के अनुरूप एक वास्तविक मशीन का निर्माण नहीं कर सके किंतु उनकी यह मशीन एनालिटिकल इंजन ही आधुनिक कंप्यूटर का आधार बनी। इसकी कारण से चार्ल्स वैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।


कंप्यूटर की पीढ़ियां-

इतिहास जानने के बाद पीढ़ियों पर भी एक नजर डाल लेते हैं-

1.प्रथम पीढ़ी ( First Generation)

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का समय 1942 से 1955 के बीच का माना जाता है। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था।

2. द्वितीय पीढ़ी (Second Generation)- 

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का काल 1955 से 1964 के बीच का माना जाता है। द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का प्रयोग किया गया था।

3. तृतीय पीढ़ी ( Third Generation)- 

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटरों का समय 1964 से 1975 के बीच का माना गया है। इसमें IC इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया गया था।

4. चतुर्थ पीढ़ी ( Fourth Generation)-

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटरों का काल 1975 से 1990 का माना जाता है। इसमें वृहद स्तर पर IC का प्रयोग किया गया इसमें 4rth जनरेशन लैंग्वेज का प्रयोग किया गया।

5. पंचम पीढ़ी ( Fifth Generation)- 

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर का समय 1990 से लेकर अबतक है इसमें अति वृहद स्तर पर IC का प्रयोग किया गया।


कंप्यूटर क्या है-

कंप्यूटर के इतिहास और पीढ़ियों के बारे में देखने के बाद अब हम ये जान लेते हैं की कंप्यूटर क्या है-
कंप्यूटर एक प्रोग्रामिंग यंत्र है जो प्रयोगकर्ता को इस योग्य बनाता है कि वह विभिन्न प्रकार की सूचनावों को या आंकड़ों को कार्यान्वित करने के बाद उन्हें व्यवस्थित शब्दों या जटिल संख्याओं को गड़ना के रुप में संचित कर सकता है। इसमें आउटपुट को आसानी से समझ में आने वाले प्रारूप ने प्रस्तुत किया जाता है।

कंप्यूटर का अर्थ-

कंप्यूटर शब्द लैटिन भाषा के कंप्यूटेयर (Computare) और अंग्रेजी भाषा के शब्द कंप्यूट (Compute) से बना है जिसका अर्थ होता है गणना।

कंप्यूटर की परिभाषायें-

# कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो असंसाधित को अर्थपूर्ण सुचना में परिवर्तित करता है।

# कंप्यूटर निर्देशों द्वारा नियंत्रित किया जा सकने वाला एक ऐसा यंत्र है जो आंकङों को प्राप्त कर उनपर प्रक्रिया (प्रोसेस) कर उन्हें अलैह अलग प्रारूपों में दर्शा सकता है।


# कंप्यूटर एक स्वचलित इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ों पर प्रोसेस करने वाला यंत्र है। जो अंकीय गणनावों के साथ साथ तुलना व् तार्किक निर्णय करने की क्षमता भी रखता है। जिसके कारण यह तीब्र गति से दिए गए निर्देशों के अनुसार सुचना चित्र चलचित्र एनीमेशन आदि जनित करता है।

कंप्यूटर का वर्गीकरण-

कंप्यूटर के वर्गीकरण मुख्य रूप से 3 आधार पर किया जाता है-

कंप्यूटर का वर्गीकरण अब तक संरचना , कार्य पध्दति , कार्य करने की छमता , एवम् उनके आकर और कार्य के आधार पर किया जाता रहा है। कल तक जो छमता मिनी कंप्यूटर व् वर्कस्टेशन और मेनफ्रेम कंप्यूटर की होती थी वहीँ आज का पर्सनल कंप्यूटर (PC) और अधिक सक्तिशाली हो गया है।

कंप्यूटर के कार्य करने की छमता में जितना तेजी से विकास हो रहा है उसे देखते हुए कंप्यूटर को एक वर्ग विशेष  की परिधि में सिमित करना अनुचित होगा। कंप्यूटर को बेहतर समझने के लिए इन्हें तिन वर्गों में बाटा गया है।

1.हार्डवेयर उपयोग के आधार पर-

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर- FIRST GENERATION 

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर -SECOND GENERATION  

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर- THIRD GENERATION 

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर- FOURTH GENERATION

पाचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर-FIFTH GENERATION

2. कार्य पद्धति के आधार पर-

एनलॉग कंप्यूटर। (ANALOG COMPUTER)

डिज़िटल कंप्यूटर (DIGITAL COMPUTER)

हाइब्रिड कंप्यूटर। (HYBRID COMPUTER)


3. आकर और कार्य के आधार पर-


मेनफ़्रेम कंप्यूटर (MAINFRAME C.)

मिनी कंप्यूटर (MINI COMPUTER)

माइक्रो कंप्यूटर (MICRO COMPUTER)

सुपर कंप्यूटर (SUPER COMPUTER)


कंप्यूटर की जानकारी हिंदी में का भाग1 यही समाप्त हुआ भाग  2 में आप जानेगें की कंप्यूटर की संरचना , हार्डवेयर , सॉफ्टवेयर , कंप्यूटर कार्य कैसे करता है आदि-

* आप इन्हें भी देख सकते हैं-


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