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माउस की खोज Computer mouse kisne banaya.

माउस की खोज किसने की-



नमस्कार आपका स्वागत है हिंदी ब्लॉग INDIA HELP ME पर कंप्यूटर के बारे में बहुत से ऐसे तथ्य है जिसके बारे में हम नहीं जानते कंप्यूटर से जुड़े 50 तथ्यों के बारे में मैंने अपनी पिछली पोस्ट में बताया था आज का हमारा पोस्ट बहुत ही खास है जो की माउस के ऊपर लिखा गया है और इसके आविष्कारक डगलस कार्ल एंजेलबर्ट अथवा डगलस कार्ल एंगेल्बर्ट को समर्पित है। दरसल हम जिस माउस का प्रयोग अपने कंप्यूटर को आसानी से चलाने के लिए करते हैं उसको डगलस कार्ल एंजेलबर्ट ने बनाया था इसलिए हम माउस के बारे में इस पोस्ट में देखेगें की इसको कैसे बनाया गया तो आइये देखते हैं हमारी यह पोस्ट-

सबसे पहले मैं आपको माउस के आविष्कार
डगलस कार्ल एंजेलबर्ट के बारे में कुछ बता देता हूँ डगलस कार्ल एंजेलबर्ट एक अमेरिकी अभियंता और आविष्कारक थें जिनको मुख्य रूप से माउस के आविष्कार और हाइपरटेक्स्ट सहयोग साफ्टवेयर इंटरेक्टिव कंप्यूटिंग के रूप में जाना जाता है। 


डग कार्ल एंजेलबर्ट का जन्म 30 जनवरी 1925 को हुआ था। 2 जुलाई 2013 को इनकी मृत्यु 88 साल के उम्र में हो गयी थी। इन्होंने ओरेगन स्टेट कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली थी और कैल्फोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले से पीएचडी (PHD)  किया था। इन्होंने नासा की पूर्ववर्ती संस्था नाका में विद्युत अभियंता के तौर पर भी काम किया। 

स्टैनफोर्ड शोध संस्थान में डग कार्ल एंजेलबर्ट ऑग्मेंटेशन शोध केन्द्र के नाम से अपनी प्रयोगशाला स्थापित की। उनकी प्रयोगशाला ने एआरपीएनेट के विकास में सहयोग किया़, जिससे इंटरनेट का उद्भव हुआ । उन्होंने 1968 में सैन फ्रांसिसको में माउस का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन किया। ऐसे सम्मानित व्यक्ति को कई विशेष पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था।

माउस का आविष्कार-

अगर आप कंप्यूटर चलाते हैं तो आप माउस का प्रयोग जरूर करते होगें क्योंकि माउस के सहायता से कंप्यूटर को चलाना बहुत ही आसान हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर  आपका माउस खराब हो जाये तो बिना इसके आप कंप्यूटर कैसे चलाएंगे तो आपका जवाब होगा कंप्यूटर तो चलेगा लेकिन थोड़ा मुश्किल होगा। अगर आपका माउस कभी खराब हो जाता है तो आप तुरन्त बाजार जाकर एक नया माउस लाते हैं क्योंकि बिना माउस के कंप्यूटर चलाना मुश्किल हो जाता है। 


कंप्यूटर के संचालन को बहुत ही आसान बनाने वाले इस डिवाइस की खोज डग कार्ल एंजेलबर्ट ने की थी।

सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जब डग कार्ल एंजेलबर्ट ने माउस का निर्माण 1960 में किया था तो यह लकड़ी का बना हुआ था और इसमें दो पहिये लगे हुए थे यह उस समय की बात है जब कंप्यूटर का आकार किसी कमरे जितना बड़ा हुआ करता था।

माउस के बारे में जितने लोगो से आप पूछेगे तो लोग यही कहेंगे कि इसके बिना हम कंप्यूटर चलाने की कल्पना भी नहीं कर सकते क्योंकि माउस कंप्यूटर के कार्य को इतना सरल बना देता है कि आप जो काम घण्टों में करते वो काम आप कुछ सेकेण्ड या मिनट में कर देते हैं।



2 जुलाई 2013 को ऐसे बेहतरीन इंसान ने दुनिया को अलविदा कह दिया जिसको हम माउस के जादूगर के नाम से भी जानते है। और हमारे बीच ऐसा आविष्कार छोड़ गया जिसका हम पिछले 50 सालों से प्रयोग करते चले आ रहे हैं और कई सालों तक प्रयोग करेगें।



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