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Human brain VS computer in hindi

हमारा मस्तिष्क और कंप्यूटर-



नमस्कार आपका स्वागत है हिंदी ब्लॉग INDIA HELP ME पर आज के पोस्ट में हम देखेंगे मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच में तुलना
कंप्यूटर का नाम आजकल हर कोई जानता है। 

और इसके यूज़र भी दुनिया में बहुत सारे लोग हैं दरसल कंप्यूटर तो मानव निर्मित ही है जैसे मानव स्वम् हाथ से पत्थर नहीं तोड़ सकते तो हथौड़े का निर्माण कर दिए ताकि हथौड़ा पत्थर तोड़ सके इसी प्रकार मनुष्य को जब जरूरत महसूस हुई तो कंप्यूटर बनाया गया कंप्यूटर में मानव ने ही सारा प्रोग्राम डाला है कंप्यूटर में समय समय पर बदलाव मानव ही लाते हैं कंप्यूटर स्वम् नही लाता है। इसलिए मानव कंप्यूटर का जनक है तो कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क में कोई तुलना नहीं की जा सकती ।

चेहरा पहचानने में-


चेहरे को पहचानने में जहाँ तक मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर का प्रश्न है तो कंप्यूटर फेस रिकग्निशन के माध्यम से चेहरा पहचानने का कार्य करता है। जिसमे वह चेहरे के कुछ हिस्सों को पॉइंट करता है और बड़े आराम से चेहरा पहचान लेता है।


कंप्यूटर द्वारा चेहरा पहचानने का कार्य बड़ी बड़ी कंपनियां और सिक्योरिटी के लोग करते हैं इस समय फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट भी इसी तकनीक का प्रयोग कर रही है। 

जहाँ तक मानव मस्तिष्क का सवाल है कंप्यूटर का इससे कोई तुलना ही नहीं है। दुनिया में अरबो लोग रहते हैं। सभी लोगों के चेहरे अलग अलग होते हैं इंसानी दिमाग इन सभी चेहरों में अंतर आसानी से कर लेता है। 

मानव का मस्तिष्क चेहरे को पहचानने में इतना आगे है कि अगर दो चेहरों को मिलाकर एक चेहरा बना दिया जाये तो हमारा मस्तिष्क उसे भी पहचान लेगा ऐसी चीजें आपने टीवी और न्यूज़पेपर में देखा होगा। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि चेहरों को पहचानने में इंसानी दिमाग और कंप्यूटर की कोई तुलना ही नहीं है।

रंगों की पहचान करने में-

रंगों की पहचान करने में एक 32 बिट का कंप्यूटर 1 करोड 60 लाख रंगों में अंतर कर पाता है वहीं मानव की आँखे लगभग 1 करोड रंगों में अंतर कर पाती है।

वस्तुओं की पहचान करने में-

वस्तुओं की पहचान के मामले में इंसानी दिमाग और कंप्यूटर की कोई तुलना नहीं है हमारा दिमाग जैसे रोजमर्रा की चीजों को यह आसानी से पहचान सकता है जैसे चीनी और नमक में पहचान सकता है कि कौन सी चीनी है और कौन सा नमक ऐसी ही अनेक वस्तुएं पहचान सकता है।

इस समय कंप्यूटर के लिए गूगल ग्लाश जैसी एप्लीकेशन है जो वस्तुओं को स्कैन करके पहचान सकती है लेकिन सटीकता से नहीं।

गड़ना करने में-

जहाँ तक गड़ना करने में मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर में अंतर की बात है तो मानव मस्तिष्क 2 या तीन अंको की गड़ना आसानी से कर लेता है लेकिन गड़ना अगर ज्यादा बड़ी हो जाये तो मनुष्य का बहुत समय लग जाता है गड़ना करने में। और कंप्यूटर बड़ी से बड़ी गणनाएं आसानी से सेकेंड में कर सकता है इसलिए मानव मस्तिष्क गड़ना करने के मामले में कंप्यूटर से पीछे है।


कार्य करने की क्षमता-



कार्य करने की क्षमता में मानव मस्तिष्क आउट कंप्यूटर के बीच जो अंतर है वह यह है कि मानव के बारे में कहा जाता है कि मानव मस्तिष्क के कार्य करने की एक सीमा होती है उसके बाद उसे आराम की जरूरत महसूस होने लगती है। ये बात सत्य भी है लेकिन कंप्यूटर के बारे में कहा जाता है कि कंप्यूटर पर लगातार काम करने से कंप्यूटर कभी नहीं थकता है लेकिन आजतक मैंने कोई ऐसा कंप्यूटर नहीं देखा जिसको चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती हो या वह बिना बैटरी या बिना पावर के चलता हो जहाँ तक बात की जाये थकान की तो कंप्यूटर में भी हैंग होने की शिकायत आती है।

निर्णय लेने की क्षमता-

निर्णय लेने की क्षमता में कंप्यूटर और इंसानी दिमाग का कोई तुलना नहीं है इंसानी दिमाग भावनावो पर कार्य करता है और उसी के अनुसार निर्णय भी लेता है। कंप्यूटर में कोई भावनाएं नहीं होती है। इसलिए उसमे निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है।

प्रैक्टिकल मामले में -

प्रैक्टिकल मामले में जहाँ तक मानव मस्तिष्क का सवाल है मानव मस्तिष्क में हमेसा नए नए विचार आते रहते हैं जैसे अगर कोई काम नहीं हुआ तो उस काम को करने का दूसरा तरीका निकलना। इंसानी दिमाग हर समय नई चीज के खोज में रहता है कुछ ऐसे भी होते हैं जो की मनुष्य ने ना कभी पहले देखा होता है और ना ही सुना होता है। वही कंप्यूटर केवल वही कार्य कर सकता है जिसके लिए उसे प्रोग्राम किया गया हो कंप्यूटर कोई अलग कार्य नहीं कर सकता है।


संग्रह क्षमता-

मानव मस्तिष्क जो देखता है आसपास की घटनावो को तो वह उसके दिमाम में संग्रहित हो जाती है और समय के साथ साथ वे मस्तिष्क से मिट भी जाती हैं। अगर कोई बड़ी घटना या इमोशनल घटना हो तो हो सकता है मनुष्य को लंबे समय तक याद रहे फिर भी घटनाएं एक समय बाद मिट जाती हैं लेकिन कंप्यूटर के साथ ऐसा नही होता है आप जो कंप्यूटर में गाने वीडियो फाइल गेम आदि रखते हैं उन्हें जबतक आप उन्हें डिलीट नहीं करते तबतक कंप्यूटर से डाटा नहीं मिटता है।

मशीन को कंट्रोल करने में-

किसी मशीन को कंट्रोल करने के मामले में मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर की कोई तुलना नहीं है। हलाकि आज बड़े बड़े हॉस्पिटल और फैक्ट्री में कंप्यूटर द्वारा ही मशीन को कंट्रोल किया जाता है पर उसके पीछे भी मानव मस्तिष्क लगा होता है कि इस कार्य को कंप्यूटर द्वारा कैसे करना है। 



मानव मस्तिष्क सबको समझ लेता है ऑपरेट कर लेता है। जैसे आप कंप्यूटर में टाइपिंग को ही ले लीजिए आप बिना कीबोर्ड को देखे कंप्यूटर में टाइपिंग करते हैं वह भी बिल्कुल सही से तो इसमें मस्तिष्क का ही कमाल है। मानव मस्तिष्क टाइपिंग करते समय कीबोर्ड के बटन के बीच की दुरी को याद कर लेता है। यानि किसी भी मशीन को चलाने के लिए कंप्यूटर भले ही कार्य करता है लेकिन सत्य यही है कि उसके पीछे मानव मस्तिष्क ही लगा है।


कंप्यूटर को मानव ने बनाया है इसलिए कंप्यूटर मानव से श्रेष्ठ नहीं हो सकता। आगे जाकर हो सकता है कि कंप्यूटर वो सारा कार्य करने लगे जो इंसान कर सकता है फिर भी वो मानव निर्मित ही रहेगा। कंप्यूटर में बहुत सारे फीचर्स हैं जिनको आप सिख सकते हैं क्योंकि कंप्यूटर आज के समय सबके लिए जरूरी है। इसलिए आप हमारे साथ जुड़े रहिये हम आपको कंप्यूटर से सम्बंधित बेहतरीन जानकारी देते रहेगें।


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