नमस्कार आज के पोस्ट में हम कंप्यूटर के Primary यानि की Main memory के बारे में जानेगें जैसा की हम सभी जानते हैं कि Memory का क्या उपयोग है Computer में इसलिए हम India Help Me पर आपके लिए Computer Primary Or Main Memory( in hindi) की जानकारी हिंदी में लाये हैं।
कंप्यूटर में मेमोरी का उपयोग प्रोग्राम , डाटा एवम् अनुदेशों को स्थायी या अस्थायी तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता है। ताकि प्रोसेसिंग के समय या बाद में उनका जरूरत के हिसाब उपयोग किया जा सके। मेमोरी का उपयोग प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त परिणामों को संग्रहित करने के लिए भी किया जाता है। इस प्रकार मेमोरी कंप्यूटर का एक आवश्यक अंग है।
CLASSIFICATION OF MEMORY (मेमोरी का वर्गीकरण)
PRIMARY OR MAIN MEMORY (प्राथमिक या मुख्य मेमोरी)
प्राथमिक या मुख्य मेमोरी सीधे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से संपर्क रखता है। तथा हर समय कंप्यूटर से जुड़ा रहता है। ये अनेक छोटे छोटे भागो में बँटी होती है जिन्हें लोकेशन या सेल कहते हैँ। प्रत्येक लोकेशन में एक निश्चित बिट (BIT) जिसे वर्ड लेंथ कहते हैं स्टोर की जा सकती है। कंप्यूटर में वर्ड लेंथ 8 , 16 , 32 , 64 बिट की हो सकती है।
प्राथमिक या मुख्य मेमोरी मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक या सेमिकण्डक्टर मेमोरी होती है। इसमें इंट्रीग्रेटेड सर्किट प्रयोग किया जाता है।
ROM- READ ONLY MEMORY (रॉम-रीड ओनली मेमोरी)
रॉम एक स्थाई मेमोरी है जिसमे संग्रहित डेटा एवम् सूचनाएं अपने आप नस्ट नहीं होती तथा उन्हें बदला भी नहीं जा सकता। इनमे सूचनाएं निर्माण के समय ही भर दी जाती हैं। तथा कंप्यूटर पर इन्हें केवल पढ़ा जा सकता है। इनमे कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इसका उपयोग स्थाई प्राकृति के प्रोग्राम डाटा संग्रहण के लिए किया जाता है।
PROM-PROGRAMMABLE READ ONLY MEMORY (प्रॉम-प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी)
प्रॉम एक विशेष प्रकार का रॉम है। जिसमे एक विशेष प्रक्रिया द्वारा उपयोगकर्ता के अनुकूल डेटा का प्रयोग किया जा सकता है। एक बार प्रोग्राम कर दिए जाने पर यह सामान्य रॉम की तरह व्यवहार करता है।
E-PROM-ERASABLE PROGRAMMBALE READ ONLY MEMORY (ई-प्रॉम)
ई- प्रोम पर पराबैंगनी किरणों की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जाता है। इसके लिए ई-प्रॉम को सर्किट से निकालना पड़ता है। जिसे अल्ट्रा वायलेट ई-प्रोम भी कहा जाता है।
EEPROM-ELECTRICALLY ERASABLE PROGRAMMABLE READ ONLY MEMORY (ईईप्रॉम)
EEPROM को सर्किट से निकाले बिना ही इसपर उच्च बिद्युत बिभव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है। आज के समय में द्वितीयक मेमोरी के रूप में EEPROM का उपयोग बढ़ रहा है। पैनड्राइव EEPROM का एक अच्छा उदाहरण है।इसको फ्लैश मेमोरी भी कहा जाता है। इसका उपयोग लैपटॉप , डिज़िटल कैमरा आदि में किया जा रहा है।
RAM-RANDOM ACCESS MEMORY (रैम-रैंडम एक्सेस मेमोरी)
रैम एक स्थाई मेमोरी है। इसमें डाटा व् सूचनाओं को स्थाई तौर पर रखा जाता है। इसमें सूचनाओं को क्रमानुसार न पढ़कर सीधे वंछित सूचनाओं को पढ़ा जा सकता है। रैम में संग्रहित की गई सूचनाओं को बदला जा सकता है। जब कंप्यूटर की सप्लाई बंद कर दी जाती है तो रैम में संग्रहित डाटा समाप्त हो जाते है।इनको मदरबोर्ड में लगाया जाता है।
रैम के मुख्यतः दो भाग होते हैं।
1. डायनामिक रैम (DYNAMIC RAM)
2. स्टैटिक रैम (STATIC RAM)
CACHE MEMORY (कैश मेमोरी)
मेमोरी से डाटा प्राप्त करने की गति CPU के डेटा प्रोसेस करने करने की गति से धीमी होती है। मेमोरी प्रोसेसर के बिच में गति अवरोध को दूर करने के लिए कैश मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी और CPU के बिच एक अत्यंत तिब्र मेमोरी है।
जहाँ बार बार प्रयोग में आने वाले डेटा व् निर्देशो को संग्रहित किया जा सकता है।
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