SECONDARY OR AUXILIARY MEMORY IN HINDI LANGUAGE:-
नमस्कार जैसा की आप जानते हैं की Computer में Memory का क्या महत्व है और कंप्यूटर में क्या कार्य है इसका कंप्यूटर के Memory को दो भागों में बाटा गया है एक है Primary Memory और दूसरा है Secondary Memory जिसे हम द्वितीयक या सहायक Memory के नाम से भी जानते हैं Primary Memory के बारे में आपको पिछली पोस्ट में बताया जा चूका है इस पोस्ट में द्वितीयक या सहायक मेमोरी यानि Secondary Memory के के बारे में बताया गया है। ये हैं कुछ Memory जिन्हें हम द्वितीयक सहायक मेमोरी के रूप में जानते हैं:-
* MAGNETIC TAPE क्या है?
* FLOPPY DISK क्या है?
* HARD DISK क्या है?
* CDROM क्या है?
* PEN DRIVE क्या है?
SECONDARY OR AUXILIARY MEMORY (द्वितीयक या सहायक मेमोरी)
द्वितीयक या सहायक मेमोरी में डाटा एवम् सूचनावों को बड़ी मात्रा में संग्रहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह साधारणतः कंप्यूटर सिस्टम के बाहर स्थित होते है। इनको स्थाई मेमोरी भी कहा जाता है।
HARD DISK (हार्ड डिस्क)
हार्डडिस्क कंप्यूटर की स्थाई मेमोरी है।
हार्ड डिस्क एल्युमिनियम धातु के प्लेट से बना होता है। जिनपर चुम्बकीय पदार्थ का लेप लगा होता है। हार्ड डिस्क की भंडारण छमता अधिक होती है। तथा इनकी गति भी तिब्र होती है। आज के समय में कंप्यूटर में लगे हार्ड डिस्क मुख्यतः विनचेस्टर डिस्क का उदाहरण है।
इसमें कई हार्ड डिस्क को एक धुरी पर रखकर डब्बे में सीलबंद कर लिया जाता है। इस प्रकार इनकी क्षमता सिमित हो जाती है। डिस्क के दोनों सतहों पर डाटा लिखा जा सकता है। हर सतह पर डाटा लिखने या पढ़ने के लिए एक अलग रीड-राइट हेड होता है। यह रीड-राइट हेड डिस्क को किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पंहुच सकता है।
हार्ड डिस्क एल्युमिनियम धातु के प्लेट से बना होता है। जिनपर चुम्बकीय पदार्थ का लेप लगा होता है। हार्ड डिस्क की भंडारण छमता अधिक होती है। तथा इनकी गति भी तिब्र होती है। आज के समय में कंप्यूटर में लगे हार्ड डिस्क मुख्यतः विनचेस्टर डिस्क का उदाहरण है।
इसमें कई हार्ड डिस्क को एक धुरी पर रखकर डब्बे में सीलबंद कर लिया जाता है। इस प्रकार इनकी क्षमता सिमित हो जाती है। डिस्क के दोनों सतहों पर डाटा लिखा जा सकता है। हर सतह पर डाटा लिखने या पढ़ने के लिए एक अलग रीड-राइट हेड होता है। यह रीड-राइट हेड डिस्क को किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पंहुच सकता है।
MAGNETIC TAPE (मैग्नेटिक टेप)
मैग्नेटिक टेप एक में प्लास्टिक रिबन पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी रहती है। जिसे बिद्युत हेड से प्रभावित कर डाटा स्टोर किया जाता है। यह बड़ी मात्रा में डाटा स्टोर करने में में पयुक्त होता है। डाटा को कितना भी बार लिखा और मिटाया जा सकता है। नया डाटा लिखने पर पुराना डाटा मिट जाता है।
FLOPPY DISK (फ्लॉपी डिस्क)
फ्लॉपी डिस्क प्लास्टिक का बना वृत्ताकार डिस्क होता है। इसपर चुम्बकीय पदार्थ की लेप चढ़ी होती है। सुरक्षा के लिए इसे प्लास्टिक के वर्गाकार खोल में बंद रखा जाता है। इसके बिच में धातु की बानी एक गोल धुरी लगी होती है। इसके ऊपर वाले भाग में पढ़ने-लिखने का का खुला स्थान होता है।
CDROM-COMPACT DISK READ ONLY MEMORY (सीडी-रॉम-कॉम्पैक्ट डिस्क रीड ओनली मेमोरी)
सीडी-रॉम प्लास्टिक का बना एक गोल डिस्क होता है। डिस्क के ऊपरी सतह पर प्रकाश प्ररावर्तित करने वाले पदार्थ की लेप लगायी जाती है। डिस्क पर लिखने व् पढ़ने के लिए लेजरबीम का प्रयोग किया जाता है।
इसको सीडी ड्राइव की सहायता से पड़ा जाता है। जिसपर रीड हेड बना रहता है।
सीडी पर लिखने के लिए सीडी राइटर का प्रयोग किया जाता है।
डिस्क को घुमाने के लिए मोटर का उपयोग होता है।
सीडी पर लिखने के लिए सीडी राइटर का प्रयोग किया जाता है।
डिस्क को घुमाने के लिए मोटर का उपयोग होता है।
DVD-DIGITAL VIDEO DISK (डीवीडी-डिजिटल वीडियो डिस्क)
डीवीडी भी सीडी रॉम की तरह होता है। डीवीडी की भण्डारण क्षमता अधिक होती है। सुरु में इनका उपयोग चलचित्रों के लिए किया गया। आवाज के लिए इसमें डॉल्बी डिज़िटल थियेटर सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। डीवीडी में डाटा के दो लेयर संग्रहित किये जा सकते हैं। एकल लेयर डिस्क की क्षमता 4.7 GB तथा दो लेयर डिस्क की क्षमता 8.5 GB होती है।
PEN DRIVE (पेन ड्राइव)
पेन ड्राइव पेन के आकार का इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है। इसे USB पोर्ट में लगाकर Data संग्रहित , परिवर्तित या पीढ़ा जा सकता है। इसमें भरा गया डाटा को दूसरे कंप्यूटर में लगाकर आसानी से देखा जाता है। इसका आकार काफी छोटा होता है। इसे कही भी ले जाने आने में आसानी रहती है।
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