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Mirch ki kheti kasie kare

MIRCH KI KHETI KARNE KA VAIGYANIK TARIKA (मिर्च की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका)



अगर आप मिर्च की खेती करने का वैज्ञानिक या आधुनिक तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप सही जगह हैं। मिर्च का उपयोग कहाँ किया जाता है इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि खुद मिर्च के उपयोग के बारे में जानते होंगे।

1.मिर्च की खेती करने से क्या फायदा है-


मिर्च का उपयोग अनेक प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। इसलिए मिर्च की खपत बहुत ज्यादा होती है।

खपत ज्यादा होने के कारण मिर्च बाजार में तेजी से बिकते हैं। जिसके कारण किसान भाइयों को फायदा होता है। मिर्च की खेती करना इतना आसान है की इसे साधारण किसान भी आसानी से कर सकते हैं। और कम लागत पर आसानी से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।





बस आपको मिर्च की खेती के सही तरीके का ज्ञान होना चाहिए जो हम इस पोस्ट में आपको बतायेगें।


2. मिर्च के लिए जलवायु-


मिर्च के फसल के लिए जलवायु की बात करें तो मिर्च को किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है।

पर मिर्च के लिए ठंडी का मौसम सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय मीर्च लगाने से किसान भाइयो को अधिक लाभ होता है।

3. मिर्च के लिए भूमि की तैयारी-





मिर्च की खेती करने से पहले भूमि को अच्छी प्रकार से तैयार करना बहुत जरुरी है।

इसलिए भूमि की जुताई अच्छी प्रकार से करके घास फूस खरपतवार को निकाल लेना चाहिए। जहाँ तक हो सके मिट्टी में से कंकर पत्थर भी निकाल लेना चाहिए। प्लास्टिक तो बिल्कुल मिट्टी में न रहने दें क्योंकि प्लास्टिक के कारण भूमि ख़राब हो जाती है।  प्लास्टिक ना तो गलता है और ना  ही सड़ता है। खेत को समतल बना लेना चाहिए अगर समतल न हो सके तो आप कई क्यारिया भी बना सकते हैं

4. मिर्च के लिए खाद-


भूमि में मिर्च की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक खादों को देना वे इस प्रकार हैं-

प्रति हेक्टेयर के हिसाब से-
गोबर की खाद- 300 से 350 क्विंटल
नाइट्रोजन- 70 किग्रा.
फास्फोरस- 30 किग्रा.
पोटास- 50 किग्रा.

खेत की तैयारी के समय 300 से 350 क्विंटल गोबर की खाद भूमि में मिला लेना चाहिए। 

उसके बाद फास्फोरस और पोटास की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा मिर्च बोने से पहले खेत में अच्छी तरह मिला लेना चाहिए बाकि बची हुई आधी नाइट्रोजन मिर्च लगने के 30 से 35 दिनों के बाद देनी चाहिये।

अगर संकर बीज है तो उसके लिए नाइट्रोजन 100 किग्रा. , पोटास 80 किग्रा. और फास्फोरस 60 किग्रा. भूमि में मिला देनी चाहिए।

5. मिर्च को रोपने का समय-

मिर्च को उगाने के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है। जिस समय धूप अधिक न हो इसलिए मिर्च को  लगभग शाम 4 बजे के बाद रोपना चाहिए।

अधिक धुप में मिर्च को लगाने से पौधे मुरझा जाते हैं इसलिए शाम के समय ही मिर्च को लगाएं।





6. मिर्च की रोपाई-

खेत अच्छी तरह बनाने के बाद मिर्च की रोपाई का कार्य किया जाता है। मिर्च को सही तरीके से रोपने के लिए
मिर्च को गड्ढे में इस प्रकार रोपा जाना चाहिए की मिर्च का आखिरी पत्ता जमीन में सटे। मिर्च को रोपते समय दो पौद्यों के बिच की दुरी 50 से 60 सेंटीमीटर की दुरी पर होना चाहिए।

मिर्च के रोपने के 10 से 15 मिनट बाद उसमे पानी दें। पानी देने का काम आप जग से भी कर सकते हैं।

इसी प्रकिया को आप 5 से 6 दिनों तक लगातार दुहरायें। यानि की पानी को शाम के समय 5 से 6 दिनों तक लगातार जग से दें।

7. मिर्च की सिंचाई-

मिर्च की रोपाई करने के बाद सिंचाई को लेकर आपको काफी सतर्क रहना चाहिए अच्छी और समय से सिंचाई द्वारा ही बढ़िया उत्पादन संभव है।

मिर्च की खेती में भूमि में हमेशा नमी का होना जरुरी है। इसलिए पानी का आना और जाना हमेशा बना रहना चाहिए। मिर्च में जब फल और फूल लगें तो भूमि में नमी हमेशा बनी रहे इस बात पर ध्यान देना चाहिए पानी की कमी होने के कारण पौधों का विकाश रुक जाता है। और फूल गिर जाते हैं। इसलिए मिर्च की समय समय पर सिंचाई करनी चाहिए।

8. मीर्च में लगने वाले रोग-

मिर्च में लगने वाले रोग मिर्च की उत्पादन क्षमता पर बुरा असर डालते हैं कुछ रोगों के कारण मिर्च की पत्तिया सिकुड़ जाती हैं जिससे पौधों का विकाश रुक जाता है। कीटो के कारण मिर्च में फूल भी कम लगते हैं या गिर जाते हैं जिससे मिर्च के फल लगने की संख्या कम हो जाती है। कीटों के कारण पौधे ऊपर से निचे की ओर सूखने लगते हैं।

 जब ऐसा कोई प्रभाव दिखाई दे तो कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए जो मिर्च के पौधे एकदम ख़राब हो गए हैं उन्हें उखाड़ कर फेक देना चाहिए।

अगर आप इन सब नियमो को ध्यान में रखकर मिर्च की खेती करते हैं तो आपको कम दाम पर अधिक मुनाफा होगा। मिर्च की सबसे अच्छी बात यह है की एक मिर्च का पौधा आपको 1 से 2 साल तक फल देता है। बस तोड़ा ध्यान रखना होगा।

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