Computer architecture In hindi-कंप्यूटर की संरचना
नमस्कार अगर आपको Computer से जुड़ी हर एक बात की जानकारी हिंदी में चाहिए तो आप सही जगह पर हैं जैसा की हम पहले की पोस्ट में कंप्यूटर का इतिहास , वर्गीकरण , आदि के बारे में देख चुके हैं इस पोस्ट में हम Computer की संरचना के बारे में जानेगें। Computer की संरचना होता क्या है (Computer architecture in hindi) यह आप नाम से ही समझ गए होगें यानि बनावट कंप्यूटर किन किन Hardware से मिलकर बना है इसी के बारे में इस पोस्ट में बताया गया है।
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कंप्यूटर कई प्रकार के कलपुर्जो हार्डवेयर (HARDWARE) तथा प्रक्रिया सामाग्री सॉफ्टवेयर (SOFTWARE) के मिलने से बनता है।
सभी कलपुर्जे (SOFTWARE) आपस में मिलकर कंप्यूटर (COMPUTER) का ढांचा तैयार करते है।
तथा प्रक्रिया सामाग्री सॉफ्टवेयर (SOFTWARE) प्रत्येक पुर्जे से कार्य करवाती है।
सभी कलपुर्जे (SOFTWARE) आपस में मिलकर कंप्यूटर (COMPUTER) का ढांचा तैयार करते है।
तथा प्रक्रिया सामाग्री सॉफ्टवेयर (SOFTWARE) प्रत्येक पुर्जे से कार्य करवाती है।
कंप्यूटर के निर्माण में प्रमुख कलपुर्जे हार्डवेयर (HARDWARE) कुछ इस प्रकार है।
1. CPU- केंद्रीय प्रचालन तंत्र ( CENTRAL PROCESSING UNIT) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट-
इसे माइक्रोप्रोसेससेर (MICROPROCESSOR) के नाम से भी जाना जाता है। माइक्रोप्रोसेसर में ही उपयोगकर्ता द्वारा निर्दिष्ठ सभी निर्देशो पर कार्य किया जाता है।
प्रोसेसर (PROCESSOR) के तिन मुख्य भाग होते है।
1. CU , 2. ALU , 3. AMU.
CU- कंट्रोल यूनिट (CONTROL UNIT)
ALU- अर्थमेटिक लोगिकल यूनिट
MU- मेमोरी यूनिट (MEMORY UNIT)
प्रोसेसर (PROCESSOR) के तिन मुख्य भाग होते है।
1. CU , 2. ALU , 3. AMU.
CU- कंट्रोल यूनिट (CONTROL UNIT)
ALU- अर्थमेटिक लोगिकल यूनिट
MU- मेमोरी यूनिट (MEMORY UNIT)
CU- कंट्रोल यूनिट पूरी प्रक्रिया पर नियंत्रण रखता है। तथा दिए गए निर्देशो के आधार पर कार्य को ALU तथा MU को वितरित करता है।
ततपश्चात उसके द्वारा दिए हुए परिणाम को आगे भेजता है।
CPU को कंप्यूटर का मष्तिष्क भी कहा जाता है। इसकी छमता किलोहर्ट्ज मेगाहर्ट्ज तथा गीगाहर्ट्ज इत्यादि में मापी जाती है।
ततपश्चात उसके द्वारा दिए हुए परिणाम को आगे भेजता है।
CPU को कंप्यूटर का मष्तिष्क भी कहा जाता है। इसकी छमता किलोहर्ट्ज मेगाहर्ट्ज तथा गीगाहर्ट्ज इत्यादि में मापी जाती है।
प्रोसेसर (PROCESSOR) के कार्यप्रणाली को बिट के आधार आका जाता है। जैसे 8 बिट , 16 बिट , 32 बिट , 64 बिट आदि।
एक प्रोसेसर (PROCESSOR) में जितने बिट होंगे उनके कार्य करने की छमता उतनी ही अधिक होगी। जैसे 32 बिट प्रोसेसर 32 बिट एवम् उससे कम छमता के ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) एवम् एप्लीकेशन पर कार्य कर सकता है। 32 बिट 64 बिट के एप्लीकेशन पर कार्य नहीं कर सकता।
जबकि 64 बिट 32 बिट के एप्लीकेशन पर एवम् ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) पर कार्य कर सकता है।
एक प्रोसेसर (PROCESSOR) में जितने बिट होंगे उनके कार्य करने की छमता उतनी ही अधिक होगी। जैसे 32 बिट प्रोसेसर 32 बिट एवम् उससे कम छमता के ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) एवम् एप्लीकेशन पर कार्य कर सकता है। 32 बिट 64 बिट के एप्लीकेशन पर कार्य नहीं कर सकता।
जबकि 64 बिट 32 बिट के एप्लीकेशन पर एवम् ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) पर कार्य कर सकता है।
2. RAM- यादृच्छिक अभिगम स्मृति
(RANDOM ACCESS MEMORY)
RAM (RANDOM ACCESS MEMORY) कंप्यूटर की अस्थाई स्मृति होती है।
ये कंप्यूटर के प्राथमिक संग्रहण उपकरण होते है
RAM का संपर्क CPU के साथ सीधा होता है।
किसी उपयोगकर्ता द्वारा भरी गई निर्देश या जानकारी ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) से सर्वप्रथम RAM में आती है।
उसके पश्चात CPU जरूरत के अनुसार किसी भी जानकारी को RAM से लेता है।
RAM की स्मृति बस बिद्युत प्रवाह के साथ तक ही बनी रहती है। यानि जबतक कंप्यूटर में बिद्युत प्रवाहित होगा RAM की स्मृति बनी रहेगी।
जैसे ही बिद्युत प्रवाह हटेगा वैसे ही RAM की स्मृति नस्ट हो जायेगी। उसमे स्तिथ सारी जानकारी लुप्त हो जायेगी।
ये कंप्यूटर के प्राथमिक संग्रहण उपकरण होते है
RAM का संपर्क CPU के साथ सीधा होता है।
किसी उपयोगकर्ता द्वारा भरी गई निर्देश या जानकारी ऑपरेटिंग सिस्टम (OPERATING SYSTEM) से सर्वप्रथम RAM में आती है।
उसके पश्चात CPU जरूरत के अनुसार किसी भी जानकारी को RAM से लेता है।
RAM की स्मृति बस बिद्युत प्रवाह के साथ तक ही बनी रहती है। यानि जबतक कंप्यूटर में बिद्युत प्रवाहित होगा RAM की स्मृति बनी रहेगी।
जैसे ही बिद्युत प्रवाह हटेगा वैसे ही RAM की स्मृति नस्ट हो जायेगी। उसमे स्तिथ सारी जानकारी लुप्त हो जायेगी।
Computer architecture Define in hindi
3. ROM CHIP (रॉम चिप)
कंप्यूटर को बनाते समय ही रॉम में डाटा डालकर कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थाई रूप से लगा दिया जाता है।इस चिप में ऐसे प्रोग्राम (PROGRAM) और डाटा (DATA) रखे जाते है जिनकी जरूरत कंप्यूटर को चालू करने पर पड़ती है।
4. मदरबोर्ड (MOTHER BOARD)
इन्हें कई नामो से जाना जाता है। जिसमे मैनबोर्ड (MAIN BOARD), मदरबोर्ड (MOTHER BOARD), सिस्टमबोर्ड (SYSTEM BOARD) अधिक चलन में आते है।
ये एक प्रकार के सर्किट होते है जिसमे सभी पुर्जे आपस में जुड़े रहते है।
मदरबोर्ड में माइक्रोप्रोसेसर ,RAM, चिपसेट, ग्राफिक कंट्रोलर, अन्य इनपुट आउटपुट कंट्रोलर स्थापित किये रहते है।
ये एक प्रकार के सर्किट होते है जिसमे सभी पुर्जे आपस में जुड़े रहते है।
मदरबोर्ड में माइक्रोप्रोसेसर ,RAM, चिपसेट, ग्राफिक कंट्रोलर, अन्य इनपुट आउटपुट कंट्रोलर स्थापित किये रहते है।
5. (MATH COPROCESSOR)
मैथ कोप्रोसेसर
मैथ कोप्रोसेसर
गणित से सम्बन्धित कार्यो को करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। सीपीयू (CPU) के सहायता के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। आधुनिक माइक्रोप्रोसेसर (MICROPROCESSOR) में इन्हें अलग से लगाने की आवस्यकता नहीं पड़ती है।
6. पॉवर सप्लाई यूनिट (POWER SUPPLY UNIT)
पॉवर सप्लाई यूनिट कंप्यूटर को उच्च व् निम्न वोल्टेज की गड़बड़ियों से बचाता है। इसे बिजली के पंखे द्वारा हवा देकर ठंडा किया जाता है। पंखा इसमें लगा रहता है। आज के समय में स्विच मूड पॉवर सप्लाई (SMPS- SWITCH MODE POWER SUPPLY) का प्रयोग किया जा रहा है।
7. वीडियो डिस्प्ले कार्ड (VIDEO DISPLAY CARD)
वीडियो डिस्प्ले कार्ड का प्रयोग दृश्य (VIDEO) एवम् चित्र (GRAPHICS) को कंप्यूटर मॉनिटर पर दिखाने के लिए किया जाता है। यह मदरबोर्ड पर स्थापित किया जाता है।
8. साउंड कार्ड (SOUND CARD)
साउंड कार्ड का प्रयोग मल्टीमीडिया में ध्वनि के डिज़िटल सुचनावो को विद्युत संकेतो में बदलने के लिए किया जाता है। साउंड कार्ड को मदरबोर्ड में स्थापित किया जाता है।
9. आउटपुट एडाप्टर कार्ड (OUTPUT ADAPTOR CARD)
आउटपुट एडाप्टर कार्ड का प्रयोग मेमोरी (MEMORY) तथा आउटपुट डिवाइस (OUTPUT DEVICE) जैसे- प्रिंटर के बिच समन्यवय बैठाने के लिए किया जाता है। यह बाइनरी डेटा एवम् सुचना को प्रिंटर के समझने योग्य बनाता है।
10. स्पीकर (SPEAKER)
स्पीकर का प्रयोग सिस्टम यूनिट के अंदर ध्वनि संकेत उतपन्न करने के लिए किया जाता है।
11. टाइमर (TIMER)
टाइमर मदरबोर्ड पर लगा रहता है। यह घड़ी के तरह कार्य करता है। इसे बैटरी से सप्लाई दी जाती है। जब कंप्यूटर बंद हो जाता है तो भी यह
काम करती है।
काम करती है।
12. HDD- हार्ड डिस्क, अन्मयिका, (HARD DISK DRIVE)
हार्ड डिस्क कंप्यूटर की अस्थाई स्मृति होती है।
इनकी छमता RAM से अधिक होती है।
ये बहुत सी जानकारियो को संग्रहण कर रखने में सछम होती है।
इनमे जो जानकारी रक्षित (SAVE) होती है वो RAM की तरह बिद्युत प्रवाह बंद होने के साथ मिट नहीं जाते।
बल्कि इनपर जो जानकारी स्थापित (रछित SAVE) की जाती है वो हमेशा के लिए बनी रहती है।
जबतक की उपयोगकर्ता द्वारा उसे मिटा न दिया जाय।
इनकी छमता की माप मेगाबाइट , गीगाबाइट , टेराबाइट , पिकाबाइट इत्यादि में की जाती है।
इनकी छमता RAM से अधिक होती है।
ये बहुत सी जानकारियो को संग्रहण कर रखने में सछम होती है।
इनमे जो जानकारी रक्षित (SAVE) होती है वो RAM की तरह बिद्युत प्रवाह बंद होने के साथ मिट नहीं जाते।
बल्कि इनपर जो जानकारी स्थापित (रछित SAVE) की जाती है वो हमेशा के लिए बनी रहती है।
जबतक की उपयोगकर्ता द्वारा उसे मिटा न दिया जाय।
इनकी छमता की माप मेगाबाइट , गीगाबाइट , टेराबाइट , पिकाबाइट इत्यादि में की जाती है।
(HDD) हार्ड डिस्क कंप्यूटर में स्थाई रूप में लगे होते है। दस्तावेज (FILE) के आदान प्रदान के लिए इन्हें एक एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में सामान्तया नहीं लगाया जाता है।
13. COMPACT DISK (कॉम्पैक्ट डिस्क)
(CD \ DVD ROM \ COMPACT DISK \ VIDEO DISH DRIVE)
कॉम्पैक्ट डिस्क (COMPACT DISK) हार्ड डिस्क के विपरीत होते है। जैसा की हार्ड डिस्क को दस्तावेज के आदान प्रदान के लिए निकालकर सामान्तया एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में नहीं लगाया जाता। परन्तु कॉम्पैक्ट डिस्क (COMPACT DISK) आसानी से निकाले जा सकते है। इनको आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से लाया जा सकता है। तथा दस्तावेजो का आदान-प्रदान भी आसानी से किय जाता है।
14. FDD- फ्लॉपी डिस्क ड्राइव , नम्यिका, (FLOPPY DISK DRIVE)
फ्लॉपी डिस्क प्लास्टिक का बना होता है। यह वृत्त के आकार का होता है जिसपर चुम्बकीय पदार्थ की लेप चढ़ी होती है। कंप्यूटर में इसे पढ़ने लिखने के लिए फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का प्रयोग किया जाता है। नए मेमोरी डिवाइस के आविष्कार से इसका प्रयोग घटता जा रहा है।
15. मॉनिटर (MONITOR) दृश्यपटल यंत्र
कंप्यूटर मॉनिटर या डिस्प्ले जिसे दृश्य प्रदर्शन इकाई भी कहा जाता है।
यह कंप्यूटर का प्रमुख आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रयोगकर्ता और कंप्यूटर के बिच में सम्बन्ध स्थापित होता है। इसके द्वारा कंप्यूटर में चल रहे कार्यो को देखा जाता है।
पहले मॉनिटर (MONITOR) का निर्माण कैथोड किरण नली (CATHODE RAY TUBE) से होता था।
आज से समय में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LIQUID CRYSTAL DISPLAY) को मॉनिटर (MONITOR) बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
यह कंप्यूटर का प्रमुख आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रयोगकर्ता और कंप्यूटर के बिच में सम्बन्ध स्थापित होता है। इसके द्वारा कंप्यूटर में चल रहे कार्यो को देखा जाता है।
पहले मॉनिटर (MONITOR) का निर्माण कैथोड किरण नली (CATHODE RAY TUBE) से होता था।
आज से समय में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LIQUID CRYSTAL DISPLAY) को मॉनिटर (MONITOR) बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
16. माउस (MOUSE)
माउस (MOUSE) कंप्यूटर की इनपुट डिवाइस (INPUT DEVICE) के रूप में जाना जाता है।
माउस कंप्यूटर में प्रयोग होने वाला एक छोटा सा यंत्र है। यह CPU से जुड़ा रहता है।
जिसे की हथेली के द्वारा पकड़कर समतल सतह पर चलाया जाता है। जब हमे कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई दे रही किसी फ़ाइल , फोल्डर , इमेज , आदि को छूना या खोलना होता है तो ऐसा हम माउस के द्वारा करते है।
माउस कंप्यूटर में प्रयोग होने वाला एक छोटा सा यंत्र है। यह CPU से जुड़ा रहता है।
जिसे की हथेली के द्वारा पकड़कर समतल सतह पर चलाया जाता है। जब हमे कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई दे रही किसी फ़ाइल , फोल्डर , इमेज , आदि को छूना या खोलना होता है तो ऐसा हम माउस के द्वारा करते है।
17. कुंजीपटल यन्त्र (KEYBOARD) कीबोर्ड-
कुंजीपटल (KEYBOARD) को हम कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस (INPUT DEVICE) के रूप में जानते है।
जब हमें कंप्यूटर में कुछ लिखना होता है तो हम
कीबोर्ड के द्वारा ही कंप्यूटर में लिख सकते है। KEYBOARD को टाइपराइटर (TYPEWRITER) के कुंजियों में कुछ आवश्यक परिवर्तन करके बनाया गया है।
कीबोर्ड के द्वारा ही कंप्यूटर में डाटा डाला जाता है।
जब हमें कंप्यूटर में कुछ लिखना होता है तो हम
कीबोर्ड के द्वारा ही कंप्यूटर में लिख सकते है। KEYBOARD को टाइपराइटर (TYPEWRITER) के कुंजियों में कुछ आवश्यक परिवर्तन करके बनाया गया है।
कीबोर्ड के द्वारा ही कंप्यूटर में डाटा डाला जाता है।
18. यूपीएस ( UNINTERRUPTED POWER SUPPLY)
जब बिजली चली जाती है तो कंप्यूटर अचानक रुक जाता है। इसके कंप्यूटर पर हो रहे काम तो रुकते ही है साथ में डिस्क ख़राब होने का खतरा बना रहता है। कंप्यूटर पर हो रहे कार्य न रुके इसलिए यूपीएस (UPS) का प्रयोग किया जाता है। यूपीएस (UPS) में एक बैटरी होती है जो की कंप्यूटर को लगातार बिजली देती है।
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